गीतकार - शहरयार, महादेवी वर्मा, माया गोविंद | गायक - छाया गांगुली | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - त्रिकोण का चौथा कोन | वर्ष - 1983
View in Romanहौले-हौले रस घोले बोले मुझ से जिया
पिया पिया ते क्या जादू पर मैं ने क्या किया -२
इतराए, इठलाए
इतराए, इठलाए पूछे मुझ से जिया
पिया पिया ते क्या जादू पर मैं ने क्या कियासूना -
सूना था नगर सूनी थी डगर
सूना-सूना था ये घर, सूने थे प्रहर
तुम्हें पाके अपनाके पूरा सपना किया
पूरा सपना किया रे पूरा सपना किया
पिया पिया ते क्या जादू ...बिराजी हुआ तन मन हुआ मधुबन
मुझे मिले रे सजन मैं तो बनी रे दुल्हन
हुआ बादल मेरा आँचल दर्पन दे जिया
दर्पन दे जिया रे दर्पन दे जिया
इतराए इठलाए -३ पूछे मुझ से जिया
पिया पिया ते क्या जादू ...