काजल वले नैन मिला के कर आरे रे लुउत लिया रे - The Indic Lyrics Database

काजल वले नैन मिला के कर आरे रे लुउत लिया रे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - देवर | वर्ष - 1966

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काजल वाले नैन मिला के कर डाला बेचैन
किसी मतवाली ने
अरे रे रे लूट लिया रे झाँझर वाली नेज़ुल्फ़ें गालों को चूम रही थीं
इक घटा सी झूम रही थी
पनघट से हाय चली आ रही थी
इठलाते हुए तरसाते हुए
दिल से निकली हाय मुझे जब देखा नैन झुकाए
गुलों की डाली ने
अरे रे रे लूट लिया ...चाँद सी गोरी शोख़ हसीना
हाय मुश्किल कर गई मरना-जीना
एक झलक में हुआ ये हाल
कि मैं दीवाना बना मस्ताना बना परवाना बना
मैं खो बैठा होश मुझे यूँ कर डाला मदहोश
नशे की प्याली ने
अरे रे रे लूट लिया ...कल सपने में फिर आए थी
हम दोनों थे तन्हाई थी
घूँघट में हाय छुपी जा रही थी वो
शर्माते हुए घबराते हुए मुस्काते हुए
बीते सारी रात न समझी मेरे दिल की बात
भोली-भाली ने
अरे रे रे लूट लिया ...