जागेगा इन्सान ज़माना देखेगा - The Indic Lyrics Database

जागेगा इन्सान ज़माना देखेगा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - आदमी और इंसान | वर्ष - 1969

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जागेगा इन्सान ज़माना देखेगा
उठेगा तूफ़ान ज़माना देखेगा
बहता चलेगा मीलों नहरों का पानी
झूमेगी खेती जैसे झूमे जवानी
चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे
नवयुग का वरदान ज़माना देखेगा
फिरते थे मुल्कों मुल्कों झोली पसारे
अब से जिएँगे हम भी अपने सहारे
चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे
भरे हुए खलियान ज़माना देखेगा
फूटेगा मोती बनके अपना पसीना
दुनिया की क़ौमें हमसे सीखेंगी जीना
चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे
कल का हिंदुस्तान ज़माना देखेगा