हमारे बाद अब महफिल में बहारें हम को ढूंढेंगी - The Indic Lyrics Database

हमारे बाद अब महफिल में बहारें हम को ढूंढेंगी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - बागी | वर्ष - 1953

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हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगी, न जाने हम कहाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगीइसी अंदाज़ से झूमेगा मौसम गाएगी दुनिया २
मोहब्बत फिर हसीं होगी, नज़ारे फिर जवाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगी, न जाने हम कहाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगीन हम होंगे, न तुम होगे, न दिल होगा, मगर फिर भी २
हज़ारों मंज़िलें होंगी, हज़ारों कारवाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगी, न जाने हम कहाँ होंगे
बहारें हम को ढूँढेंगी