छोटी उमर है मेरी ओ रब्बा तू ही बचा - The Indic Lyrics Database

छोटी उमर है मेरी ओ रब्बा तू ही बचा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - जयश्री शिवराम | संगीत - बाली सागू | फ़िल्म - कार्तूस | वर्ष - 1999

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छोटी उमर है मेरी लम्बी कहानियां
झुकती निगाहें मेरी उठती जवानियां
ओ रब्बा तू ही बचा ओ रब्बा तू ही बचाना मैं शबाब जानूं हे ना मैं शराब जानूं
छाया है फिर भी नशा
हो रब्बा तू ही बचागोरे गालों पे ज़ुल्फ़ों वाली हूँ मैं
थोड़ी सी गोरी थोड़ी काली हूँ मैं
भंवरे आ जाएं पा के खुश्बू मेरी
खिलती चमेली जैसी डाली हूँ मैं
ना मैं शबाब ...साकी बिना ही दुनिया घूम लेती हूँ
अपनी तरंग में ही झूम लेती हूँ
सबसे छुपा के तन्हाई में तो जी
शीशे में खुद को ही चूम लेती हूँ
ना मैं शबाब ...ओ रब्बा मैं की करां