जग घूमेया थारे जैसा ना कोई - The Indic Lyrics Database

जग घूमेया थारे जैसा ना कोई

गीतकार - इरशाद कामिलो | गायक - राहत फ़तेह अली खान | संगीत - विशाल - शेखर | फ़िल्म - सुल्तान | वर्ष - 2016

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ना वो अँखियाँ रूहानी कहीं
ना वो चेहरा नूरानी कहीं
कहीं दिल वाली बातें भी ना
ना वो सजरी जवानी कहीं
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
ना तो हँसना रूमानी कहीं
ना तो खुशबू सुहानी कहीं
ना वो रंगली अदाएं देखीं
ना वो प्यारी सी नादानी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
बारिशों के मौसमों की भीगी हरियाली तू
सर्दियों में गालों पे जो आती है वो लाली तू
रातों का सुकून भी है सुबह की अज़ान है
चाहतों की चादरों में मैंने है संभाली तू
कहीं आग जैसी जलती है
बने बरखा का पानी कहीं
कभी मन जाणा चुपके से
यूँ ही अपनी चलाणी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
अपने नसीबों में या हौसले की बातों में
सुखों और दुखों वाली सारी सौगातों में
संग तुझे रखना है तूने संग रहना
मेरी दुनिया में भी मेरे जज़्बातों में
तेरी मिलती निशानी कहीं
जो है सबको दिखानी कहीं
तू तो जानती है मर हे भी
मुझे आती है निभानी कहीं
वही करना जो है कहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई