सरसरिया - The Indic Lyrics Database

सरसरिया

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2016

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ये सरसराती हवा
जाए चारों दिशा
ऐसे ही मुकत मैं मेरा भी हो गया

ये हवा
सरसरिया
सरसरिया

क्यों न लेहरके मैं भी
दिशा दिशा नगर नगर जउन

खिला खिला सा जो
मेरा ये मानन है
खिला खिला सा जो
मेरा ये तन है

जो रंग रंग है
मेरे सपने
तो सब रंग ही
लागे अपने

जो ृत्त कोई छायी
तोह छ जाने दे
जो ायी अंगड़ाई
तोह आ जाने दे

हवाएं जो बतायें
वही मान ले
तू मनन की सतरंगी है
ये जान ले

ये सरसराती हवा
जाए चारों दिशा
ऐसे ही मुकत मैं मेरा भी हो गया

ये हवा
सरसरिया

क्यों न लेहरके मैं भी
दिशा दिशा नगर नगर जाउँ

लागे के अभी तू
है अनजानी
जगत में जितने
भी है पानी

है प्रेम उतना
मेरे मानन में
तू ही तोह बसी है
मेरे जीवन में

तेरी बाणी मेरे मन्न में समाती तोह है
तेरी बात मुझे सपने दिखाती तोह है
तुझे जो देखु बढती ये धड़कन तोह है
हुयी मीठी मीठी सी मन्न में उलझन तोह है

ये सरसराती हवा
जाए चारों दिशा
ऐसे ही मुकत मैं मेरा भी हो गया

ये हवा
सरसरिया
सरसरिया

क्यों न लेहरके मैं भी
दिशा दिशा नगर नगर जाउँ

सरसरिया.