मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी - The Indic Lyrics Database

मोरे सैयाँ जी ने भेजी चुनरी

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - NA | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - पहले आप/ प्रेस्टीज | वर्ष - 1944

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बराबर पसीने चले आ रहे हैं'>

मुहब्बत में रस्ते वो पेश आ रहे हैं

मुहब्बत में रस्ते वो पेश आ रहे हैं

कि रुकते झिझकते चले जा रहे हैं

पता अपनी मंज़िल का दिल जाने, हम तो

लिए जा रहा है, चले जा रहे हैं

ये मेरे ही दिल की सदा तो नहीं है

कोई कह रहा है कि वो आ रहे हैं

मिटाए मिटेगी ना हस्ती वफ़ा की

नए नकश बनते चले जा रहे हैं

डुबो देगी क्या 'आरज़ू' शर्मएउल्फ़त

बराबर पसीने चले आ रहे हैं