दुनिया वालों राम सीता की गली गली सीता रो - The Indic Lyrics Database

दुनिया वालों राम सीता की गली गली सीता रो

गीतकार - पं. मधुर | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - परदेसी | फ़िल्म - बंजारीन | वर्ष - 1960

View in Roman

दुनिया वालो एक अबला की दुखि कहानी सुन लो
हार जीत तो खूब हुई अब मेरी जबानी सुनलो

गली गली सीता रोए आज मेरे देश में
सीता देखि राम देखा
आज नए भेष में
गली गली सीता रोए आज मेरे देश में
सीता देखि राम देखा
आज नए भेष में

तुमने नाम सुना दुखिया
मैं उसे देख के आया हूँ
तुमने नाम सुना दुखिया
मैं उसे देख के आया हूँ
ो देख के बहनो और भाई
मैं एक नै सिकायत लाया हूँ
ो देख के बहनो और भाई
मैं एक नै सिकायत लाया हूँ
ये हे माता ये हे बिवी दुखिया जीती जागती
रूठे हुए नाथ से ये खोया प्यार मांगके
रूठे हुए नाथ से ये खोया प्यार मांगके
गली गली सीता रोए आज मेरे देश में
सीता देखि राम देखा
आज नए भेष में

उसकी की लीला देख चुके कोई इसकी लीला जाने ना
उसकी की लीला देख चुके कोई इसकी लीला जाने ना
पिया यहाँ प्रीत यहाँ पर कोई पहचानना

पिया यहाँ प्रीत यहाँ पर कोई पहचानना
आगे बढ़ के देख दीवाने तू ही इसका राम है
इसके दिल को चीर के देखो लिखा तेरा नाम है
इसके दिल को चीर के देखो लिखा तेरा नाम है
गली गली सीता रोए आज मेरे देश में
सीता देखि राम देखा
आज नए भेष में

बहन किसी भाई की है वो भी खफा हो गया
बहन किसी भाई की है वो भी खफा हो गया
मान ये किसी लाल की है वो भी जुदा हो गया
मान ये किसी लाल की है वो भी जुदा हो गया
जनक पिता छोड़ दे तो कहाँ जाए जानकी
मान इसे पहचान के
भी फिर नहीं पहचानती
मान इसे पहचान के
भी फिर नहीं पहचानती
गली गली सीता रोए आज मेरे देश में
सीता देखि राम देखा
आज नए भेष में

क्यों भरोसा नहीं इसपे
क्या ये प्यार झूठा है
बोलो बोलो आंसुओ का क्या
ये हार झूठा है
इसकी कथा झूठी है
तो झूठा ये जहां है.