ऐ हुस्न-परी-चेहरा क्यों इतनी - The Indic Lyrics Database

ऐ हुस्न-परी-चेहरा क्यों इतनी

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - अमन | वर्ष - 1960

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ऐ हुस्न-परी-चेहरा क्यों इतनी दर्दमंद हो
दुनिया की मंज़िलों पर तुम ही मुझे पसंद हो

शबनम के दिल की धड़कन महसूस कर रही हो
तुम कितनी नर्म-दिल हो आहें सी भर रही हो
ऐ हुस्न-परी-चेहरा ...

इतना ख़्याल कोई करता नहीं किसी का
तुमने बदल दिया है रुख़ मेरी ज़िन्दगी का
ऐ हुस्न-परी-चेहरा ...

सब कुछ था पास मेरे लेकिन न ये ख़ुशी थी
पूरी हुई है तुमसे जीवन में जो कमी थी
ऐ हुस्न-परी-चेहरा ...