मोरे राज हो - The Indic Lyrics Database

मोरे राज हो

गीतकार - मोती | गायक - रफी, ललिता देओलकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नदिया के परी | वर्ष - 1948

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मुहब्बत में कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है

मुहब्बत में कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है

तबीयत और घबराती है जब बहलाई जाती है

झिझक कर गुफ़्तगू करना है अपना राज़ कह देना

इसी नाज़ुक सी पर्दे में तमन्ना पाई जाती है

इसी नाज़ुक सी पर्दे में तमन्ना पाई जाती है

मुहब्बत में कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है

मोहब्बत दिल में छुप सकती है आँखों में नहीं छुपती

ज़बाँ खामोश है लेकिन नज़र शरमाई जाती है

ज़बाँ खामोश है लेकिन नज़र शरमाई जाती है

मुहब्बत में कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है

तबीयत और घबराती है जब बहलाई जाती है