तू शैतानों का सरदार हैं - The Indic Lyrics Database

तू शैतानों का सरदार हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश, शिवांगी कोल्हापुरे | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - बारूद | वर्ष - 1976

View in Roman

मु : तू शैतानों का सरदार है
शि : सच है
मु : हरदम लड़ने को तैयार है
शि : सच है
मु : ओ तेरे हाथों मेरा जीना दुश्वार है
शि : daddyफिर भी तुमको मुझसे प्यार है
हो daddyफिर भी ...मु :मार के ठोकर मेज का कोना तोड़ दिया है
मेरा तो हर सपन सलोना तोड़ दिया है
और अपना भी हर एक खिलौना तोड़ दिया है
और अब जाने क्या तोड़े कोई एतबार है
शि : daddyफिर भी ...मु : सोचा था तू मेरे कितने काम करेगा
पढ़-लिख कर दुनिया में रोशन नाम करेगा
तू तो मेरा नाम भी बदनाम करेगा
तुझको समझाने की हर कोशिश बेकार है
शि : daddyफिर भी ...मु : क्या जंगल का राजा कभी मोर बनेगा
शेर का बेटा क्या इतना कमज़ोर बनेगा
मैं सिपाही बना तू शायद चोर बनेगा
क्या कहूँ तू फूल है या काँटों का हार है
शि : daddyफिर भी ...