ऐ दिल-ए-आवारा चल - The Indic Lyrics Database

ऐ दिल-ए-आवारा चल

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - डॉ विद्या | वर्ष - 1960

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ओ ओ ओ ओ
ऐ दिल-ए-आवारा चल-२
फिर वहीं दुबारा चल
यार ने दीदार का वादा किया है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल
फिर वहीं दुबारा चल
यार ने दीदार का वादा किया है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

वो उनकी बेताबी वो उनका चलना छमसे
आँचल थामा तो हँसके कहा फिर मिलनेको हमसे
उनसे हमसे सुन ऐ दिल प्यार का इकरार आँखों में हुआ है
ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

खट्टी हो या मीठी अब उन आँखों से पीना
जीते हैं चाहत वाले बिना चाहत के क्या जीना
चलते फिरते सुन ऐ दिल चाह में अब आह भरनेका मज़ा है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल

(चमका है इक मुखड़ा कुछ ज़ुल्फें है लहरायीं
दिन फिर गये अपने दिन के गई रातों की तन्हाई )-२
जहाँ वो वहाँ हम सुन ऐ दिल चैन से बेचैन तू क्यूं हो रहा है
ओ ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल
फिर वहीं दुबारा चल
यार ने दीदार का वाद किया है
ओ ओ ऐ दिल-ए-आवारा चल