ऐ दिल तुझे अब उनसे ये कैसी - The Indic Lyrics Database

ऐ दिल तुझे अब उनसे ये कैसी

गीतकार - मसरूर अनवर | गायक - मसूद राणा | संगीत - देबू भट्टाचार्य | फ़िल्म - शरारत (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1960

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ऐ दिल तुझे अब उनसे ये कैसी शिकायत है
वो सामने बैठे हैं काफ़ी ये इनायत है
ऐ दिल तुझे अब उनसे

मत देख उन्हें ऐ दिल, इस तरह मुहब्बत से
इस तरह मुहब्बत से
अफ़साना बना लेंगे लोगों की तो आदत है
ऐ दिल तुझे अब उनसे

गुलशन से जुदा होकर फूलों ने ये जाना है
फूलों ने ये जाना है
इस दुनिया में हँसने की कितनी बड़ी क़ीमत है
ऐ दिल तुझे अब उनसे

शमा मेरे जलने पर इक रोज़ पशेमाँ हो
इक रोज़ पशेमाँ हो
परवाने के सीने में इस बात की हसरत है
ऐ दिल तुझे अब उनसे

( तक़दीर से जब पूछा लुटने का सबब क्या है
लुटने का सबब क्या है )-२
हँस कर कहा दीवाने, दीवाने
हँस कर कहा दीवाने ये दिल की शरारत है

ऐ दिल तुझे अब उनसे ये कैसी शिकायत है
वो सामने बैठे हैं काफ़ी ये इनायत है
ऐ दिल तुझे अब उनसे