शाम ढले तो आज भी सूरज दुब गया हैं - The Indic Lyrics Database

शाम ढले तो आज भी सूरज दुब गया हैं

गीतकार - फैयाज हाशमी | गायक - नूरजहां | संगीत - निसार बज्मी | फ़िल्म - नाग मणि (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1972

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शाम ढले तो पंख पखेरू
लौट के घर आ जाए
जिनके साजन पास ना हो वो
असुअन दीप जलाएआज भी सूरज डूब गया है
आज भी तुम नहीं आए
मन को झूठी आस दिलाके
ढल गए शाम के साए
आज भी सूरज डूब गया है
आज भी तुम नहीं आएपल-पल सारी रैन गुज़ारूँ
छम-छम नीर बाहाके
हर आहट पर तुमको पुकारूँ
साजन मैं घबराके
कैसे-कैसे सपने मुझको
पागल मन दिखलाए
आज भी सूरज डूब गया है
आज भी तुम नहीं आएजब-जब आए याद तुम्हारी
इक पल चैन ना पाऊँ
बंद ना होंगे नैन झरोखे
चाहे मैं मर जाऊँ
बैठी रहूँगी राह में यूँ ही
प्यासे नैन बिछाए
आज भी सूरज डूब गया है
आज भी तुम नहीं आए