चाँद ने पहना ताज - The Indic Lyrics Database

चाँद ने पहना ताज

गीतकार - शकील | गायक - लता, सहगान | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - हूर-ए-अरबी | वर्ष - 1955

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चाँद ने पहना ताज
सितारो झूम-झूम कर नाचो
बहारो झूम-झूम कर गाओ
को: बहारो झूम-झूम कर गाओ


ल: ओ
( आन मुबारक शान मुबारक
ख़ुशियों के सामान मुबारक )-2
को: ख़ुशियों के सामान मुबारक
ल: कलियाँ झूमें ग़ुंचे महके-2
जैसे शराबी पी कर बहके
दुनिया सजी है आज
सितारो झूम-झूम कर नाचो
बहारो झूम-झूम कर गाओ
को: बहारो झूम-झूम कर गाओ


ल: ओ
( ख़ुशियों के याँ जलवे कितने
एक नज़र में लाखों फ़ितने )-2
को: एक नज़र में लाखों फ़ितने
ल: दिल में वफ़ायें लब पे दुआं
देखने वाले झूम के गायें
दिल में ख़ुशी है आज
सितारो झूम-झूम कर नाचो
बहारो झूम-झूम कर गाओ
को: बहारो झूम-झूम कर गाओ


ल: चाँद ने पहना ताज
सितारो झूम-झूम कर नाचो
बहारो झूम-झूम कर गाओ
को: बहारो झूम-झूम कर गाओ



ल: आ$