गणपति बप्पा मोरया गणपति अपाने गणव चले - The Indic Lyrics Database

गणपति बप्पा मोरया गणपति अपाने गणव चले

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सुदेश भोंसले | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - अग्निपथ | वर्ष - 1990

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गणपति बप्पा मोरया, पुड्च्या वर्षी लौकरया
मोरया रे, बप्पा मोरया रे -४गणपति अपने गाँव चले, कैसे हमको चैन पड़े
जिसने जो माँगा उसने वो पाया,
रस्ते पे हैं सब लोग खड़ेगणपति बप्पा दुख हरता, दुख हरता भाई दुख हरतादस दिन घर में आन रहे, भक्तों के मेहमान रहे
सारे शहर में धूम मची, जोश से जनता झूम उठी
उनको प्यारे सब इंसान राजा रंक हैं एक समान
दुख हरता भाई दुख हरताकिसी को कुछ वरदान दिया, किसी को कोई ज्ञान दिया
हैं चले सभी को ख़ुश करके, खाली खाली झोलियों को भरके
आयेंगे साल के बाद इधर, लोग करेंगे याद मगरथोड़े ही दिन रहे, थोड़े दिनों में करके चले ये काम बड़े
सारे घर उनको घर हैं, उनको एक बराबर हैं
ऊँचे महल अमीरों के हों या हम गरीबन के झोपड़ेमस्त पवन ये फिर ले आई, मौजों की नैया लाई
गणपति उस पार चले, लेकर सबका प्यार चले
सफल हुई सबकी पूजा, ऐसा न कोई बिन दूजा
घटा गगन पर लहराई, घड़ी विसर्जन की आई
भूल चूक हो माफ़ हमारी, हम सब हैं बड़े नादान बड़े