मोहनिया, सुंदर मुखड़ा खोल - The Indic Lyrics Database

मोहनिया, सुंदर मुखड़ा खोल

गीतकार - शम्स लखनवी | गायक - NA | संगीत - मीर साहब | फ़िल्म - लाल हवेली | वर्ष - 1944

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मोरे मन की नगरिया बसाई रे, माधो जी

मोरे मन की नगरिया बसाई रे, माधो जी

झोले खाती थी जीवन की नैया

बने मन के बसैया खिवैया

डगमगाती किनारे लगाई रे

माधो, माधो, जगत पुकारे

मैं कहूँ रे मेरा काला

जब जब पीड़ बने भगतों पे

पहूँचे बाँसरीवाला