खामोश जिंदगी को इक अफसाना मिल गया - The Indic Lyrics Database

खामोश जिंदगी को इक अफसाना मिल गया

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - जगजीत कौर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - दिल-ए-नादान | वर्ष - 1953

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( ख़ामोश ज़िंदगी को ओ
ख़ामोश ज़िंदगी को इक अफ़साना मिल गया
अजी अफ़साना मिल गया
भँवरे को फूल शम्मा को परवाना मिल गया
अजी परवाना मिल गया ) -२ओ
दिल में ख़ुमारियाँ सी
मस्ती जगाते गीत हो -२
दीवानगी में कौन ये दीवाना मिल गया
अजी दीवाना मिल गया
भँवरे को फूल शम्मा को परवाना मिल गया
अजी परवाना मिल गयाओ
सबका है दिल के होश में
आने के दिन गये -२
आये बहार शीशे से पैमाना मिल गया
अजी पैमाना मिल गया
भँवरे को फूल शम्मा को परवाना मिल गया
अजी परवाना मिल गयाओ
लाया है कोई मेरे लिये
दिल की धड़कने -२
नज़रों के चार होते ही नज़राना मिल गया
अजी नज़राना मिल गया
भँवरे को फूल शम्मा को परवाना मिल गया
अजी परवाना मिल गया
ख़ामोश ज़िंदगी को ओ
ख़ामोश ज़िंदगी को इक अफ़साना मिल गया
अजी अफ़साना मिल गया
भँवरे को फूल शम्मा को परवाना मिल गया
अजी परवाना मिल गया