काबिल हूँ - The Indic Lyrics Database

काबिल हूँ

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2017

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तेरे मेरे सपने सभी
तेरे मेरे सपने सभी
बंद आँखों के ताले में हैं
चाबी कहाँ ढूंढें बता
वह चाँद के प्याले में हैं
फिर भी सपने कर दिखाऊं सच तोह
कहना बस यही

मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं
मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं

तेरे मेरे सपने सभी
तेरे मेरे सपने सभी
बंद आँखों के ताले में हैं
चाबी कहाँ ढूंढे बता
वह चाँद के प्याले में हैं
फिर भी सपने कर दिखाऊं सच तोह
कहना बस यही

मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं
मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं

ये शरारतें
अपना यही अंदाज़ है
हो…समझाएं क्या कैसे कहें
जीने का हाँ इसमें राज़ है

धड़कन कहाँ ये धड़कती है
दिल में तेरी आवाज़ है
अपनी सब खुशियों का अब तोह
ये आगाज़ है

तेरे मेरे सपने सभी
तेरे मेरे सपने सभी
बंद आँखों के ताले में हैं
चाबी कहाँ ढूंढें बता
वह चाँद के प्याले में हैं
फिर भी सपने कर दिखाऊं सच तोह
कहना बस यही

मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं
मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं

सागर की रेत पे दिल को जब
ये बनाएँगी मेरी उँगलियाँ
तेरे नाम को ही पुकार के
खनकेंगी मेरी चूड़ियाँ

तुझमे ादा ऐसी है आज
उड़ती हैं जैसे तितलियाँ
फीकी अब न होंगी कभी
ये रंगीनियाँ

तेरे मेरे सपने सभी
बंद आँखों के ताले में हैं
चाबी कहाँ ढूंढें बता
वह चाँद के प्याले में हैं
फिर भी सपने कर दिखाऊं सच तोह
कहना बस यही

मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं…
मैं तेरे काबिल हूँ या
तेरे काबिल नहीं…

ला ला ला…हम्म हम्म…