हमनवा - The Indic Lyrics Database

हमनवा

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2015

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हे हमनवा मुझे अपना बना ले
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीन को भीगा दे

हम्म..हूँ अकेला
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीन को भीगा दे

कब से मैं दर दर फिर रहा
मुसाफिर दिल को पनाह दे
तू आवारगी को मेरी आज ठहरा दे
हो सके तोह थोडा प्यार जता दे
सूखी पड़ी इस दिल की ज़मीन को भीगा दे

मुरझाई सी शाख पे दिल की
फूल खिलते हैं क्यों
बात गुलों की ज़िक्र महक का
अच्छा लगता है क्यों
उन रंगो से तूने मिलाया
जिनसे कभी मैं मिल न पाया

दिल करता है तेरा शुक्रिया
फिर से बहार तू ला दे
दिल का सूना बंजर महका दे
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीन को भीगा दे

हम्म..हूँ अकेला
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीन को भीगा दे

वैसे तोह मौसम गुज़रे हैं
ज़िन्दगी में कई
पर अब ना जाने क्यों मुझे वो
लग रहे हैं हसीं

तेरे आने पर जाना मैंने
कहीं न कहीं ज़िंदा हूँ मैं
जीने लगा हूँ मैं अब ये फ़िज़ाएं
चेहरे को छूती हवायें

इनकी तरह दो कदम तोह बढ़ा ले
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीन को भीगा दे
ो..हूँ अकेला
सूखी पड़ी दिल की इस ज़मीन को भीगा दे.