सिकंदर भी आए ना कोई रह हैं - The Indic Lyrics Database

सिकंदर भी आए ना कोई रह हैं

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मुकेश, उषा खन्ना | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - जौहर महमूद इन गोवा | वर्ष - 1965

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सिकंदर भी आये कलंदर भी आये
न कोई रहा है न कोई रहेगा
है तेरे जाने की बारी विदेशी
ये देश आज़ाद हो के रहेगा
मेरा देश आज़ाद हो के रहेगा
न कोइ रह है ...सिकंदर को पोरस की ताक़त ने रोका
गोरी को पृथ्वी की हिम्मत ने टोका
जब खूनी नादर ने छेड़ी लड़ाई
तो दिल्ली की गलियों से आवाज़ आई
लगा ले तू कितना भी ज़ोर ऐ सितमगर
ये देश आज़ाद ...परताप ने जान दे दी वतन पे
शिवाजी ने भगवा उड़ाया गगन पे
मरदों ने खाईं आज़ादी की कसमें
अदा औरतों ने की जौहर की रस्में
कफ़न बांध कर रानी झांसी पुकारी
ये देश आज़ाद ...सिराज और टीपू ज़फ़र और नाना
था हर एक इनमें क़ौमी दीवाना
यहां ले के आये बग़ावत की आँधी
तिलक नेहरू आज़ाद नेताजी गाँधी
भगत सिंह की राख ने पुकारा
ये देश आज़ाद ...हलाकू रहा है न हिटलर रहा है
मुसोलिनी का ना वो लश्कर रहा है
नहीं जब रहा रूस का जार बाकी
तो कैसे रहेगा सालाज़ार बाकी
गोवा का हर बच्चा बच्चा पुकारा
ये देश आज़ाद ...कल को अगर आये चाओ या माओ
लगा देंगे हम ज़िंदगी का दांव
हमारा है कश्मीर नेफ़ा हमारा
कभी झुकेगा न झण्डा हमारा
ज़रा देश के दुश्मनों से ये कह दो
ये देश आज़ाद ...