ये किसाका लहु है कौन मारा - The Indic Lyrics Database

ये किसाका लहु है कौन मारा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - सहगान, महेंद्र कपूर | संगीत - एन दत्ता | फ़िल्म - धर्मपुत्र | वर्ष - 1961

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धरती की सुलगती छाती के बेचैन शरारे पूछते हैंये किसका लहू है कौन मरा -२
ऐ रहबर मुल्क़-ओ-क़ौम बता
ये किसका लहू है कौन मराये जलते हुये घर किसके है
ये कटते हुये तन किसके हैं
तक़्सीम के अंधे तूफ़ाँ में
लुटते हुये गुलशन किसके हैं
बद-बख़्त ख़िज़ायें किसकी हैं
बरबाद नशेमन किसके हैं
कुछ हम भी सुनें हमको भी सुनाऐ रहबर मुल्क़-ओ-क़ौम बता
ये किसका लहू है कौन मराकिस काम के हैं ये दीन धरम
जो शर्म का दामन चाक करें
किस तरह के हैं ये देश भगत
जो बसते घरों को ख़ाक करें
ये रूहें कैसी रूहें हैं
जो धरती को नापाक करें
आँखें तो उठा नज़रें तो मिलाऐ रहबर मुल्क़-ओ-क़ौम बता
ये किसका लहू है कौन मराजिस राम के नाम पे ख़ून बहे
उस राम की इज़्ज़त क्या होगी
जिस दीन के हाथों लाज लुटे
उस दीन की क़ीमत क्या होगी
इनसान की इस ज़िल्लत से परे
शैतान की ज़िल्लत क्या होगी
ये वेद हटा क़ुरान उठाऐ रहबर मुल्क़-ओ-क़ौम बता
ये किसका लहू है कौन मरा