दिल ढूँढता है सहारे - The Indic Lyrics Database

दिल ढूँढता है सहारे

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - दत्ताराम | फ़िल्म - काला आदमी | वर्ष - 1960

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दिल ढूँढता है सहारे-सहारे-२
लुटे दिल के अरमां बुझे नैन तारे
दिल ढूँढता है ...

ये क्या दौर आया कि बदली बहारें
हुए ग़ैर वो भी किसे हम पुकारें
वो कहते थे हमसे कि हम हैं तुम्हारे
दिल ढूँढता है ...

वफ़ा इस जहाँ में कहीं भी न पाई
हुई दूर मंज़िल घटा ग़म की छाई
हैं काजल से काले अजब दिन हमारे
दिल ढूँढता है ...

बनी मेरे दिल पर ये तस्वीर तेरी
तुझे फिर न पाया ये तक़दीर मेरी
नहीं कोई अपना रहे बेसहारे
लुटे दिल के अरमाँ ...