बना के क्यूं बिगड़ा रे बिगड़ा रे नसीबा - The Indic Lyrics Database

बना के क्यूं बिगड़ा रे बिगड़ा रे नसीबा

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - ज़ंजीर | वर्ष - 1973

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बना के क्यूँ बिगाड़ा रे बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपर वले -२जो तुझको मंज़ूर नहीं था फूल खिलें इस प्यार के
फिर क्यों तूने इन आँखों को रंग दिखाए बहार के
आस बँधा के प्यार जता के बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपर वले -२
बना के क्यूँ ...पाप करे इन्सान अगर तो वो पापी कहलाता है
तूने भी ये पाप किया फिर कैसे कहूँ तू दाता हैइ
राह दिखा के राह पे ला के बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपर वले -२
बना के क्यूँ ...