दो अंखियाँ झुकी-झुकी सी - The Indic Lyrics Database

दो अंखियाँ झुकी-झुकी सी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - प्रेम पत्रा | वर्ष - 1960

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मु : दो अंखियाँ झुकी-झुकी सी-२
कलियों से नाज़ुक होंठों पर कविता रुकी-रुकी सी
दो अंखियाँ झुकी ...

शरमाती पलकों में सपने जब आँख-मिचौली खेलें
लहराती ज़ुल्फ़ें मुखड़े को साए में जब ले लें
इक ख़ुश्बू उड़ी-उड़ी सी
दो अंखियाँ झुकी ...

ल : मेरे दिल की ख़ामोशी में हलचल कौन मचाए
इक धुँधली सी तस्वीर बने और बनकर मिट जाए
इक हसरत दबी-दबी सी
मु : दो अंखियाँ झुकी ...

एक पल लागे अपनी-अपनी और दूजे पल बेगानी
कुछ अंजानी सी सूरत है कुछ जानी पहचानी
पास आकर छुपी-छुपी सी
दो अंखियाँ झुकी ...