गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अलका याज्ञनिक, मनहर उधास | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - | वर्ष - 1993
View in Romanदेर से आना जळी जाना ऐ साहब ये ठीक नहीं
रोज बहाना एक बनाना चाहने वालों को तड़पाना
ऐ साहब ये ठीक नहींखाली हाथ मैं क्या आता इसलिए देर से आया हूँ
झुमके कंगना गजरा पायल इतनी चीज़ें लाया हूँबातों से दिल को बहलाना
चाहने वालों को तड़पाना ...शिकवा और शिकायत है आदत आप हसीनों की
छुट्टी ले कर आऊंगा मैं अगली बार महीनों की
जाने दो मुझको है जाना सरकारी नौकर को सताना
ऐ साहब ये ठीक नहीं ...फिर ऐसा तुम मत करना वरना मैं नहीं बोलूंगी
खिड़की से देखूंगी तमाशा दरवाज़ा नहीं खोलूंगी
हो जाऊंगा मैं दीवाना
चाहने वालों को तड़पाना ...