तेरे पास आ के मेरा वक़्त गुजर जाता है - The Indic Lyrics Database

तेरे पास आ के मेरा वक़्त गुजर जाता है

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - आशा - रफी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - नीला आकाश | वर्ष - 1965

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तेरे पास आ के मेरा वक़्त गुजर जाता है
दो घड़ी के लिये ग़म जाने किधर जाता है
जब कभी दूरसे तू मुझको नजर आता है
प्यार हँसकर मेरी आँखों में संवर जाता है
तू वो ही है जिसे इस दिल ने सदायें दी हैं
तू वो ही है जिसे नजरों ने दुवायें दी हैं
तू वो ही है के जो दिल ले के मुकर जाता है
दो घडी के लिये ग़म जाने किधर जाता है
जाम इतने तेरी मस्ती भरी आँखों से पिये
बेख़ुदी में तुझे सजदे मेरी नजरों ने किये
तेरे जलवों में खुदा मुझको नजर आता है
प्यार हँसकर मेरी आँखों में संवर जाता है
तेरी याद आते ही घबरा के चली आती हूँ
मैं हर एक कैद को ठुकरा के चली आती हूँ
मैं नहीं आती मुझे प्यार इधर लाता है
प्यार हँसकर मेरी आँखों में संवर जाता है
दो घडी के लिये ग़म जाने किधर जाता है