तेरे लिए हम हैं जिये, होठों को सिये - The Indic Lyrics Database

तेरे लिए हम हैं जिये, होठों को सिये

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - लता मंगेशकर - रूपकुमार राठोड़ | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - वीर - ज़ारा | वर्ष - 2004

View in Roman

तेरे लिए हम हैं जिये होठों को सिये
दिल में मगर जलते रहे, चाहत के दीये
तेरे लिए हम हैं जिये हर आँसू पिये
दिल में मगर जलते रहे, चाहत के दीये
ज़िन्दगी ले के आई है बीतें दिनों की किताब
घेरे हैं अब हमें यादें बे-हिसाब
बिन पूछे मिले मुझे कितने सारे जवाब
चाहा था क्या, पाया है क्या, हमने देखिये
क्या कहूँ दुनिया ने किया मुझ से कैसा बैर
हुक्म था मैं जिऊँ लेकिन तेरे बगैर
नादांं हैं वो कहते हैं जो, मेरे लिए तुम हो गैर
कितने सितम हम पे सनम लोगों ने किये