आग पानी में लगी होय कैसे - The Indic Lyrics Database

आग पानी में लगी होय कैसे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - झूला | वर्ष - 1962

View in Roman

र : आग पानी में लगी, होय होय कैसे -२
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे -३ल :आया लहरों में धुवाँ ओय ओय कैसे -२
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे -३र : आई कहाँ से जानें हाय इतनी तितलियाँ
ल : डर के रहना बन जायेंगी बिजलियाँ -२
र : धूप में बिजली गिरी होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे -३ल : पानी की कमी नहीं आग़ बुझाते जाओ -२
र : हम बुझाते जायें तुम लगाते जाओ -२
ल :आज रोशन है जहाँ ओय ओय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे -३र : आग पानी में लगी, होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे -३ल :आया लहरों में धुवाँ ओय होय कैसे -२
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे -३