सुनो जी सुनो हमारी भी सुनो - The Indic Lyrics Database

सुनो जी सुनो हमारी भी सुनो

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - एक दिल सौ अफसाने | वर्ष - 1963

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सुनो जी सुनो, हमारी भी सुनो
अजी महर्बान ... हमरी भी सुनो
न टप्पा, न ठुमरी, ग़ज़ल है न कजरी
यह रागिनी है प्यार की
सुनो जी सुनो, अजी महर्बान
हमारी भी सुनोतराना हमारा ज़माने से न्यारा
हर एक सुर में दिल है धड़कता हुआ
हर एक बोल प्यारा कि जैसे सितारा
अकेला गगन में चमकता हुआ
सुनो जी सुनो ...इशारों में बोलूँ, ज़ुबां तक न खोलूँ
निगाहों से कह दूँ समझ लो अगर
न यह बेख़ुदी है, न दीवानगी है
मुझे तो लगी है तुम्हारी नज़र
सुनो जी सुनो ...सुनो मेरे जी की, मेरी आर्ज़ू की
तमन्ना यही थी के तुम हो करीब
यह चिल्मन हटा दो, वह झल्की दिखा दो
कि अब तो जगा दो हमारे नसीब
सुनो जी सुनो ...