प्यार की मंज़िल मस्त सफ़र तुम हो हसीनों - The Indic Lyrics Database

प्यार की मंज़िल मस्त सफ़र तुम हो हसीनों

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - ज़िद्दी | वर्ष - 1964

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प्यार की मंज़िल मस्त सफ़र तुम हो हसीं हम हैं जवाँ
सामने तुम हो फिर भी हमें होश नहीं हम हैं कहाँ
प्यार की मंज़िल ...यूँ ही सताऊँगा दिन और रात
जब तक न दोगी तुम हाथों में हाथ -२
ये ज़िद भी है कितनी हमको देखना है
प्यार की मंज़िल ...दम से हमारे है तुम पर बहार
एहसान मानो जो किया तुमसे प्यार -२
जलवे तो लाखों हैं कौन पूछता है
प्यार की मंज़िल ...मानो या न मानो जी तुम हो हसीं
अजी दिल की बातों का कर लो यक़ीं -२
मेरे दिल को तेरे दिल से प्यार हो गया है
प्यार की मंज़िल ...