ये बात होती है पेडा जनाब बारसोन में - The Indic Lyrics Database

ये बात होती है पेडा जनाब बारसोन में

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - मजबूर | वर्ष - 1964

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ये बात होती है पैदा जनाब बरसों में
ख़ुदा बनाता है ऐसा शबाब बरसों में
ये बात होती है ...बहार आती है और रंग-रूप मिलते हैं -२
चमन में वैसे तो हर रोज़ फूल खिलते हैं
( चमन में खिलता है ) -२ तुम सा गुलाब बरसों में
ख़ुदा बनाता है ...नहीं ये बात के तुमसा हसीं नहीं होगा -२
यहाँ नहीं तो वो जहाँ में कहीं होगा
मगर मिलेगा तुम्हारा जवाब बरसों में
ख़ुदा बनाता है ...तेरा ख़्याल है हर वक़्त याद के क़ाबिल -२
मगर ये मेरी नज़र भी है दाद के क़ाबिल
( किया है जिसने ) -२ तुम्हें इन्तिख़ाब बरसों में
ख़ुदा बनाता है ...