गीतकार - भरत व्यास | गायक - मुकेश | संगीत - सरदार मलिक | फ़िल्म - नाग ज्योति | वर्ष - 1963
View in Romanसुन चाँद मेरी ये दास्तान, मैं कहूँ तुझे या के न कहूँ
तेरी चाँदनी तेरे पास है, मुझे ये बता मैं कहाँ रहूँ
सुन चाँद मेरी ये ...खिली रैन में देखो चैन से, है ये सारा आलम सो रहा
तेरे इन सितारों की छाँव में, मैं अकेला चुप-चाप सो रहा
लगी आग बिरह की अँग में, मैं सहूँ इसे या के न सहूँ
सुन चाँद मेरी ये...वोह नज़र जो दिल में उतर गई, जैसे चुभ गया कोई शूल हो
वोह हथेली पर तेरा मुख सजा, जैसे फूल पर कोई फूल हो
यूँ बहे नदी तेरी याद की, मैं बहूँ यहाँ या के न बहूँ
सुन चाँद मेरी ये ...