ना किसी की आंख का नुउर हुं - The Indic Lyrics Database

ना किसी की आंख का नुउर हुं

गीतकार - बहादुर शाह ज़फ़री | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - लाल किला | वर्ष - 1960

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न किसी की आँख का नूर हूँ
न किसी के दिल का क़रार हूँ
जो किसी के काम न आ सका
मैं वो एक मुश्त-ए-गुबार हूँन तो मैं किसी का हबीब हूँ
न तो मैं किसी का रक़ीब हूँ
जो बिगड़ गया वो नसीब हूँ
जो उजड़ गया वो दयार हूँ, जो किसी के ...मेरा रंग-रूप बिगड़ गया
मेरा यार मुझसे बिछड़ गया
जो चमन फ़िज़ां में उजड़ गया
मैं उसी की फ़स्ल-ए-बहार हूँ, जो किसी के ...