गुजरे हैं इस तराह से दुनिया में दिन हमरे - The Indic Lyrics Database

गुजरे हैं इस तराह से दुनिया में दिन हमरे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - बहाना | वर्ष - 1960

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गुज़रे हैं इस तरह से दुनिया में दिन हमारे
भीगे रहें हमेशा आँखों के दो किनारेसीने से रंज-ओ-ग़म को हमने लगा के रखा
मजबूरियों को दिल ही दिल में छुपा के रखा
करते भी क्या ऐ क़िसमत, तेरे सितम के मारे
गुज़रे है इस तरह सेहसरत भरी कहानी, किस्सा है बेकसी का
लिखा है आँसूओं से अफ़साना ज़िंदगी का
कुछ ना किसी से कहना, ऐ मेरी बेज़ुबानी
ग़र्दिश नसीब की है, क्या दोष है किसी का
टूटे चमक-चमक कर तक़दीर के सितारे
गुज़रे है इस तरह से ...