छूने ना दूँगी मैं हाथ रे - The Indic Lyrics Database

छूने ना दूँगी मैं हाथ रे

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - आशा भोसले - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - जिंदगी | वर्ष - 1964

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छूने ना दूँगी मैं हाथ रे
नजरियों से दिल भर दूँगी
बैठी रहूँगी सारी रात रे
नजरियों से दिल भर दूँगी
दिल की हसरत न कभी दिल से निकलने दूँगी
प्यार का कोई भी जादू हो न चलने दूँगी
इश्क़ की आग बड़ी तेज़ है हमने माना
दिल के मोती को मैं हरगिज़ ना पिघलने दूँगी
होती रहेगी मुलाक़ात नजरियों से दिल भर दूँगी
मैं तुम्हारी हूँ मुझे पास बुलाकर देखो
मेरी राहों में ज़रा खुद को मिटाकर देखो
अपने दामन पे कोई आंच ना आने दूँगी
चाहे हर दिन मुझे पहलू में बिठाकर देखो
आगे बढ़े ना कोई बात नजरियों से दिल भर दूँगी
मेरी महफ़िल में ये मस्ताने चले आते हैं
छोड़कर शम्मा को परवाने चले आते हैं
मैं वो बाज़ी हूँ जिसे कोई न जीता अब तक
खेलने फिर भी ये दीवाने चले आते हैं
खाएँगे ये सब मात रे नजरियों से दिल भर दूँगी