ना बागों में दिल में जिगर में - The Indic Lyrics Database

ना बागों में दिल में जिगर में

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, हेमा सरदेसाई | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - जंग | वर्ष - 2000

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ना बागों में ना बहारों में
ना गुंचों में ना गुलज़ारों में
ना रंगों ना रुखसारों में
ना गलियों ना बाज़ारों मेंदिल में जिगर में मेरी नज़र में
चेहरा तेरा मेरे सनम
आँखों में तू है नींदों में तू है
ख्वाबों में तू है तेरी कसम
दिल में जिगर में ...प्यार मुझको किया मेरी जां शुक्रिया
मैं दीवाना हुआ तूने क्या कह दिया
जब से तेरी मेरी बात होती नहीं
दिन गुज़रता नहीं रात होती नहीं
होंठों में तू है बातों में तू है
वादों में तू है तेरी कसम
दिल में जिगर में ...तेरा जादू चला यूं असर कर गया
तेरे दिलदार को बेखबर कर गया
ना तुझे चैन है ना हूँ मैं होश में
कर न बैठें खता हम कहीं जोश में
सीने में तू धड़कन में तू है
यादों में तू है तेरी कसम
दिल में जिगर में ...