चलो सजना जहाँ तक घटा चले - The Indic Lyrics Database

चलो सजना जहाँ तक घटा चले

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मेरे हमदम मेरे दोस्त | वर्ष - 1968

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चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
लगाकर मुझे गले, चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
सुंदर सपनों की है मंज़िल कदम के नीचे
फुरसत किस को इतनी, देखे जो मूड के पीछे
तुम चलो, हम चले, हम चले, तुम चलो, सावन की हवा चले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
धड़कन तुम्हरे दिल की उलझी हमारी लट में
तुम्हरे तन की छाया, काजल बनी पलक में
एक है दो बदन, दो बदन एक है, आँचल के तले चले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
पथरीली राहों में, तुम संग मैं झूम लूँगी
खाओगे जब ठोकर होठों से चूम लूँगी
प्यार का आज से, आज से प्यार का हम से सिलसिला चले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले