पतली कमर मटका के मैं आई हुं यू पी बिहार लूटने - The Indic Lyrics Database

पतली कमर मटका के मैं आई हुं यू पी बिहार लूटने

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, सपना अवस्थी, चेतन शशिलाल | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - शूल | वर्ष - 1999

View in Roman

पतली कमर मटका के हाय हाय हाय हाय हाय हाय
नागिन सी बलखा के हाय हाय हाय हाय हाय हाय
नैन से नैन लड़ा के हाय हाय हाय हाय हाय हाय
धानी चुनर सरका के हाय हाय हाय हाय हाय हायपतली कमर मटका के नागिन सी बलखाके
नैन से नैन लड़ा के धानी चुनर सरका के हो हो
हो होदिलवालों के दिल का करार लूटने
मैं आई हूँ यू. पी. बिहार लूटने
दिलवालों के दिल का करार लूटने
तू आई है यू. पी. बिहार लूटने
न पैसों का खज़ाना न सोने की तिजोरी
न बर्छी गड़ासा कटार लूटने हाय
दिलवालों के दिल का ...मेरी उम्र अभी है सत्रह चाहूं तो हिला दूं छपरा
मुझको न समझना जुम्मा ना दूंगी तुझको चुम्मा
कान में झुमका लगा के चाल में ठुमका लगा के
गजरे का जूड़ा बना के होए होए इत्र ज़रा महका के हायकान में झुमका लगा के ऐ हां
चाल में ठुमका लगा के ऐ हां
गजरे का जूड़ा बना के ऐ हां
होए होए इत्र ज़रा महका के
जवानी की सारी बहार लूटने
मैं आई हूँ ...क्या कलकत्ता क्या मु.म्बई मैं सबकी नज़र में जम गई
पंजाब हो या हरियाणा मुश्किल मुझसे बच पाना
सबका जिया तड़पा के चिंगारी भड़का के हाय
मुंह में पान दबा के हाथ में मेंहदी रचा केऐ सबका जिया तड़पा के ऐ हां
चिंगारी भड़का के ऐ हां
मुंह में पान दबा के ऐ हां
हाथ में मेंहदी रचा के
सबकी आँखों से छुप के खुमार लूटने
मैं आई हूँ ...