शिकवा ना कर गिला ना करी - The Indic Lyrics Database

शिकवा ना कर गिला ना करी

गीतकार - | गायक - मेहदी हसन | संगीत - वज़ीर अफज़ल | फ़िल्म - ज़मीन | वर्ष - 1965

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शिकवा न कर गिला न कर
ये दुनिया है प्यारे, यहां ग़म के मारे, तड़पते रहे
शिकवा न कर गिला न करख़िज़ां इस गुलिस्तां में आती रही है
हवा सूखे पत्ते उड़ाती रही है
यहां फूल खिल के, बहारों से मिल के, बिछड़ते रहे
शिकवा न कर गिला न करयहां तेरे अश्कों की क़ीमत नहीं है
रहम करना दुनिया की आदत नहीं है
किसी ने न देख, यहान ख़ूं के आँसू, ढलकते रहे
शिकवा न कर गिला न करयहां का है दस्तूर ख़ामोश रहना
जो गुज़री है दिल पे किसी से न कहना
ये दिन ?????? के, यहान लोग बस के, उजड़्ते रहे
शिकवा न कर गिला न करये दुनिया है प्यारे, यहां ग़म के मारे, तड़पते रहे
शिकवा न कर गिला न कर