तेरा मेरा प्यार अमर, फिर क्यों मुझको लगता है डर - The Indic Lyrics Database

तेरा मेरा प्यार अमर, फिर क्यों मुझको लगता है डर

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - असली नक़्ली | वर्ष - 1962

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तेरा मेरा प्यार अमर
फिर क्यों मुझको लगता है डर
मेरे जीवनसाथी बता
क्यों दिल धड़के रह रह कर
क्या कहा है चाँद ने जिसको सुनके चाँदनी
हर लहर पे झूम के, क्यों ये नाचने लगी
चाहत का है हरसू असर, फिर क्यों मुझको.. ..
कह रहा है मेरा दिल अब ये रात ना ढ़ले
खुशियों का ये सिलसिला ऐसे ही चला चले
तुझको देखूँ, देखूँ जिधर, फिर क्यों मुझको.. ..
है शबाब पर उमंग, हर खुशी जवान है
मेरी दोनों बाहों में जैसे आसमान है
चलती हूँ मैं तारों पर, फिर क्यों मुझको.. ..