ओ देखो जी तारे को तारा चंदानी रात पुरुष - The Indic Lyrics Database

ओ देखो जी तारे को तारा चंदानी रात पुरुष

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - निराला | वर्ष - 1950

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ओ देखो जी देखो जी देखो जी देखो देखोतारे को तारा कहता है बुत कितने
सर पे इशारा हो सर पे इशारा
क्याचाँदनी रात में जाने क्या बात रे
आज किसी की हुई पहली मुलाक़ात रे
चाँदनी रात में
हो
चाँदनी रात में जाने क्या बात रे
आज किसी की हुई पहली मुलाक़ात रे
चाँदनी रात में( देख रही आज मैं सपना नया रे
कानों में कोई कुछ कह के गया रे ) -२
धीरे से ले के हाथों में हाथ रेआज किसी की हुई पहली मुलाक़ात रे
चाँदनी रात में
हो
चाँदनी रात में जाने क्या बात रे
आज किसी की हुई पहली मुलाक़ात रे
चाँदनी रात में( चंदा को देख के जी रही चकोरी
साँवरे को देख के झूम रही गोरी ) -२
होंठों से ना करे मन दिल के साथ रेआज किसी की हुई पहली मुलाक़ात रे
चाँदनी रात में
हो
चाँदनी रात में जाने क्या बात रे
आज किसी की हुई पहली मुलाक़ात रे
चाँदनी रात मेंओ देखो जी देखो जी देखो जी देखो देखो