छलकाए जाम, आईए आप की आँखों के नाम - The Indic Lyrics Database

छलकाए जाम, आईए आप की आँखों के नाम

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मेरे हमदम मेरे दोस्त | वर्ष - 1968

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छलकाये जाम, आईये आप की आँखों के नाम, होठों के नाम
फूल जैसे तन पे जलवे ये रंग-ओ-बू के
आज जाम-ए-मय उठे इन होठों को छू के
लचकाईये शाख-ए-बदन, महाकाईये ज़ुल्फों की शाम
आप ही का नाम लेकर पी है सभी ने
आप पर धड़क रहे हैं प्यालों के सीने
यहाँ अजनबी कोई नहीं, ये है आपकी महफ़िल तमाम
कौन हर किसीकी बाहें बाहों में डाल ले
जो नज़र नशा पिलाए, वो ही संभाल ले
दुनिया को हो औरों की धून, हमको तो है साकी से काम