दिल का दिया जला के गया - The Indic Lyrics Database

दिल का दिया जला के गया

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - आकाशदीप | वर्ष - 1965

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(दिल का दिया जला के गया,
ये कौन मेरी तन्हाई में) -२
सोये नग़मे जाग उठे, होंठों की सेहनाई में
दिल का दिया ...(प्यार अरमानों का दर खटकाए
ख़्वाब जागी आँखों से मिलने को आये)-२
कितने साये डोल पड़े, सूनी सी अंगनाई में
दिल का दिया ...(एक ही नज़र में निखर गई मैं तो,
आइना जो देखा संवर गई मैं तो)-२
तन पे उजाला फैल गया, पहली ही अंगड़ाई में
दिल का दिया ...(काँपते लबों को मैं खोल रही हूँ,
बोल वही जैसे के बोल रही हूँ)-२
बोल जो डूबे से हैं कहीं, इस दिल की गहराई में
दिल का दिया ...