ना ये ज़मीन थी ना आसमान था - The Indic Lyrics Database

ना ये ज़मीन थी ना आसमान था

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - सगाई | वर्ष - 1966

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र : ना ये ज़मीं थी ना आसमाँ था
ना चाँद-तारों का ही निशाँ था
मगर ये सच है के उन दिनों भी
तेरा-मेरा प्यार यूँ ही जवाँ था
आ : ना ये ज़मीं थी ...
दो : ना ये ज़मीं थी ...र : ( चले कहाँ से कहाँ पे आए
खुमार बन के जहाँ पे छाए ) -२
आ : ( निभाई रस्म-ए-वफ़ा कुछ ऐसे
मुहब्बतों के चमन खिलाए ) -२
र : न कैसे आसान होती मंज़िल
हर एक अरमान नौजवाँ था
आ : ना ये ज़मीं थी ...
दो : ना ये ज़मीं थी ...आ : हमीं ने तारों को रोशनी दी
हमीं ने फूलों को ताज़गी दी
र : हमीं ने तारों ...
आ : जिधर से गुज़रे जहाँ भी ठहरे
हर एक ज़र्रे को ज़िन्दगी दी
र : कुछ इसमें दिल की तड़प थी शामिल
ख़ुदा भी कुछ हमपे मेहरबाँ था
आ : ना ये ज़मीं थी ...
दो : ना ये ज़मीं थी ...आ : ( नज़र में फूलों भरी हैं राहें
ख़ुशी से रंगीन हैं निगाहें ) -२
र : सुनो तो कुछ कह रही हैइ हमसे
बहार फैला के अपनी बाँहें
ल : इधर से गुज़रोगे एक दिन तुम
नसीब ऐसा मेरा कहाँ था
र : ना ये ज़मीं थी ...
दो : ना ये ज़मीं थी ...