चांद तू जब भी मुसकुराता हैं - The Indic Lyrics Database

चांद तू जब भी मुसकुराता हैं

गीतकार - तनवीर नकवी | गायक - नूरजहां, मेहदी हसन | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - सरहद (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1966

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नू : ( चाँद तू जब भी मुसकुराता है
दिल मेरा डूब-डूब जाता है ) -२मेरी यादों में वो भी रो-रो कर
रात ग़म की गुज़ारते होंगे
प्यार की वादियों में ग़ुम हो कर
मुझको अक्सर पुकारते होंगे
जब कभी ये ख़याल आता है
दिल मेरा डूब-डूब जाता हैमे : उनकी ज़ुल्फ़ों को छू लिया होगा
मस्त हो कर हवायें आई हैं
गुनगुनाती है रात थम pauseथम के
दूर से यूँ सदायें आई हैं
जैसे कोई मुझे बुलाता है
दिल मेरा डूब-डूब जाता हैनू : चाँद तू जब भी मुसकुराता है
दिल मेरा डूब-डूब जाता है