मंगल भवन अमंगल हरि - The Indic Lyrics Database

मंगल भवन अमंगल हरि

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - जसपाल सिंह | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - गीत गाता चल | वर्ष - 1975

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मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम-२हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करे तरफ़ बढ़ाए साखाहो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारीहो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहूहो, जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरति देखी तिन तैसीरघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय रामहो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय राम