तकदीर का फसाना जा कर किसे सुनाए - The Indic Lyrics Database

तकदीर का फसाना जा कर किसे सुनाए

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रामलाल | फ़िल्म - सेहरा | वर्ष - 1963

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तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएँ
इस दिल में जल रहीं हैं, अरमान की चिताएँ
साँसों में आज मेरे तूफान उठ रहे हैं
शहनाईयों से कह दो, कहीं और जा के गाएं
मतवाले चाँद सूरज तेरा उठाए डोला
तुझको खुशी की परियां, घर तेरे ले के जाएँ
तुम तो रहो सलामत, सेहरा तुम्हें मुबारक
मेरा हर एक आँसू देने लगा दुआएँ