चले जाना ज़रा ठहरो - The Indic Lyrics Database

चले जाना ज़रा ठहरो

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश - शारदा | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - दुनिया भर में | वर्ष - 1967

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चले जाना ज़रा ठहरो किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देख कर जाना
अभी आए हो बैठो तो ये मौसम भी सुहाना है
अभी तो हाल-ए-दिल तुमको निगाहों से सुनाना है
नज़र प्यासी ये दिल प्यासा
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देख कर जाना
हसीं झरनों के साये में अकेला छोड़ जाते हो
हमारे दिल को आख़िर किसलिए तुम तोड़ जाते हो
ज़रा दम लो, कहा मानो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देख कर जाना
हमारी जान हो तुम ही अगर चल दीं तो फिर क्या है
तुम्हारे बिन बहारों में ख़ुशी क्या है मज़ा क्या है
ओ जान-ए-मन न जाओ तुम
किसी का दम निकलता
ये मंज़र देख कर जाना
क़सम खाती हूँ मैं अपनी तुम्हें अब ना सताऊँगी
तुम्हारी बात जो भी हो वही मैं मान जाऊँगी
भरी आँखें रुकी साँसें
किसी का दम निकलता
ये मंज़र देख कर जाना